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खबर का असर आखिर विभाग ने मानी गलती, अशोक मिश्रा हुए वापस

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आखिर विभाग ने मानी गलती, अशोक मिश्रा हुए वापस

कार्यों के प्रति लापरवाही शिक्षा विभाग मे आम बात हो चली है परन्तु बुजुर्गो ने कहाँ था की सुबह का भूला यदि शाम को वापस आये तो उसे भूला नहीं कहते कुछ यही हाल हुआ ट्राईबाल विभाग से शिक्षा विभाग मे पदस्थ हुए अशोक मिश्रा का |

शहडोल |शिक्षा विभाग मे चल रही भररेशाही पर आखिर अंकुश लग ही गया जिले के सहायक आयुक्त आंनद राय सिन्हा द्वारा एक ऐसा आदेश पारित किया है जिसको लेकर एक कहावत चरितार्थ हुई की यदि सुबह का भूला शाम को वापिस आये तो उसे भूला नहीं कहते कुछ इसी प्रकार अशोक मिश्रा जो की मूलतः प्राथमिक शिक्षक के रूप मे सेमरा स्कूल मे पदस्थ है जिनको जनजातीय कार्य विभाग से जिला शिक्षा अधिकारी के एक आदेशित पात्र अनुसार सहायक आयुक्त की सहमति पर शिक्षा विभाग मे आईटी सेल का प्रभारी बनाया गया था हालांकि नियमो पर गौर करें तो ये पूर्ण रूप से नियम विरुद्ध है क्यूंकि किसी भी विभाग को यह अधिकार नहीं है की बगैर जिले की मुखिया के सहमति के वो अन्य किसी विभाग मे कार्य कर सके परन्तु यह तो शहडोल जिला है यहाँ पर सब संभव है परन्तु इस खबर को जब हमारी टीम द्वारा प्राथमिकता से उठाया गया तो जिम्मेदारो ने अपनी गलती को मना और विगत दिवस एक आदेश क्र/जजका/शि. स्था 2/2023/2451 दिनांक 18.04.23 के माध्यम से अशोक मिश्रा को कार्यमुक्त कर उनको उनके मूल पद पर वापिस भेजा गया |

जिले के मुखिया दे ध्यान:-

लगातार शिक्षा विभाग की लापरवाही इन दिनों मीडिया के माध्यम से सुर्खियों पर है पर किन कारणों से इनपर जिम्मेदारो द्वारा ध्यानाकर्षण नहीं किया जा रहा है ये समझ से परे है यदि इनपर वरिष्ठ अधिकारियो द्वारा विधिवत कार्यवाही कर जांच की जावेगी तो यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा की दूध का दूध और पानी का पानी होने मे जरा भी समय लगेगा |

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