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हिंद महासागर में भारत-अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया सहित 5 देशों का सैन्य अभ्यास शुरू

हिंद महासागर में पांच देशों का नौसैनिक अभ्यास  शुरू हो गया है। सोमवार को फ्रांस के नेतृत्व में  शुरू हुए इस अभ्यास में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की नौसेना के जहाज फ्रांसीसी नौसेना के हेलीकॉप्टरों के बेड़े में शामिल हो गए हैं। यह नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक के लिए साझा प्रतिबद्धता है। फ्रांस द्वारा शुरू किए गए ला पेरोस बहुराष्ट्रीय अभ्यास का पहला संस्करण 2019 में आयोजित किया गया था और इसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका की नौसेनाओं की भागीदारी देखी गई थी। 2021 में दूसरे संस्करण में, भारतीय नौसेना पहली बार शामिल हुई।

राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा, ला पेरोस अभ्यास एक बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है जिसका उद्देश्य भाग लेने वाले देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देना है।  यह अभ्यास भाग लेने वाले देशों को एक बहुराष्ट्रीय वातावरण में अपने परिचालन, सामरिक कौशल को सुधारने, एक दूसरे की समुद्री पद्धतियों को बेहतर ढंग से समझने और एक साथ काम करने की क्षमता बढ़ाने के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है। इस अभ्यास का उद्देश्य भारत और फ्रांस, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच सैन्य-से-सैन्य संबंधों को गहरा करना है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देते हुए रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को विशाखापत्तनम के हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) में कुल 934 करोड़ रुपये की लागत से सिंधुकीर्ति पनडुब्बी की सामान्य मरम्मत के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। सिंधुकीर्ति तीसरी किलो क्लास डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। रिफिट पूरा होने के बाद, सिंधुकीर्ति युद्ध-योग्य हो जाएगी और भारतीय नौसेना के सक्रिय पनडुब्बी बेड़े में शामिल होगी। इस परियोजना में 20 से अधिक सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) शामिल हैं और परियोजना अवधि के लिए प्रति दिन 1,000 मानव-दिनों के रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त होगा।

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