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डीपीसी कार्यालय: प्रशासन नींद से जागा, लेकिन बेसुध

डीपीसी कार्यालय: प्रशासन नींद से जागा, लेकिन बेसुध

होस्टल अधीक्षकों की निकली भर्ती, करे आवेदन, बालक बुढ़ार छात्रावास को क्यो छोड़ा लगा प्रश्न चिन्ह?

शहडोल| वर्षो से भ्रष्टाचार का अड्डा बना जिला शिक्षा केन्द्र का डीपीसी कार्यालय नए डीपीसी के आने के बाद कुछ कुछ रास्ते मे आने लगा है इसकी प्रथम शुरुआत जिले में कस्तूरबा गांधी के बालिका छात्रावास के कुल 5 छात्रावासों में अधीक्षिका की भर्ती के आवेदन मंगाए गए है। जिस पर सभी पात्र शिक्षकों से आवेदन मंगाए गए है।

लेकिन रिक्त बालक छात्रावास बुढ़ार में एक अपात्र शिक्षक को प्रभारी अधीक्षक क्यो बनाया गया यह जिला समझ मे नही आ रहा है।

क्या नए डीपीसी को जानकारी नही है?

क्या पुराने डीपीसी के दबाव में है प्रशासन?

शेष 5 छात्रावासों कस्तूरबा गांधी भठिया, सोहागपुर, मउ में क्यो नही निकली भर्ती? बालिका छात्रावास मउ एवं बुढ़ार में क्या पात्र भर्ती है?

ऐसे बहुत से अनुत्तरित सवाल अभी खड़े है?

हम जानकारी दे रहे है प्रशासन को क्या प्रशासन करेगा करेगी?

व्योहारी विधायक के अथक प्रयासों से निकली है क्या भर्ती?

लेकिन मात्र 7 दिवस का समय क्यो दिया गया है?

शासकीय नियमानुसार विज्ञापन के बाद 15 दिन का समय आवेदन के लिए होना चाहिए?

स्वच्छ शिक्षा व्यवस्था हमारा संकल्प

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