डीपीसी कार्यालय :यहाँ लागू नहीं होता आरटीआई कानून???
शहडोल |वर्षो से बहुचर्चित एवं कुख्यात हो चुके जिला शिक्षा केंद्र सर्व शिक्षा अभियान शहडोल जिसके जिला परियोजना समन्वयक डॉ मदन कुमार त्रिपाठी उर्फ़ मुन्ना भैया विधानसभा कोतमा पदस्थ रहे है कुछ कारनामे तो हमने आपके संज्ञान में लाये है बहुत अभी बांकी है | बहुत कुछ इनके बारे में लिखा जा चुका है | सीईओ जिला पंचायत ने इन्हें दोषी पाया कमिश्नर श्री नरेश पाल ने सर्फ़ एक्सेल से दाग धो डाला | अब तो तत्कालीन सी ईओ जिला पंचायत के ऊपर कार्यवाही बनती है ? मुन्ना भैया को चाहिए तात्कालीन सीईओ जिला पंचायत के विरुद्ध आमरण अनशन में बैठे ?
कलेक्टर श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने दोषी पाया तत्कालीन कमिश्नर श्री शोभित जैन ने घडी डिटर्जेंट से सफाई करने के लिए लघु शास्ति का प्रकरण बनाकर श्री सहदेव सिंह मरावी संयुक्त संचालक लोकशिक्षण को भेज दिया , श्री मरावी जी ने धोकर वर्तमान कमिश्नर के यहाँ सूखने को डाल दिया है | बहुत जल्दी चमकदार सफेदी के साथ बेदाग निकलने वाले है |
क्योकि बेदाग कुरता पहनकर ही तो कोतमा विधानसभा जाना है????
छोडिये हम भी क्या चर्चा करने लगे? आज बात करते है इनके रसूख की अपने कार्यकाल में इन्होने सूचना के अधिकार के तहत कभी जानकारी नहीं उपलब्ध करायी बहुत से प्रकरण कलेक्टर के पास अपील में जाकर दम तोड़ चुके है | इनके कार्यालय में वर्षो से सहायक परियोजना समन्वयक के पद पर 4 व्यक्ति पदस्थ है जिनका कार्यकाल भी वर्षो पहले समाप्त हो गया है नयी भर्ती भी निकली है परीक्षा हुयी सूची भी बनी लेकिन जिलाधिकारी के आदेश से सिर्फ गलत बीआरसी नियुक्ति व्योहारी में एवं नियम विरुद्ध स्थानांतरण गृह ब्लाक में ही हो पाए है ,सहायक परियोजना समन्वयक पद के लिए कोई योग्य मिला ही नहीं | जो इनकी इनके कृपा पात्र है वह कोई जानकारी नहीं देते | मेरे द्वारा दिनांक 10/04/23 को एक आवेदन एवं 13/04/23 को 1 आवेदन इनके कार्यालय के सूचना के अधिकार के तहत प्रभारी सहायक परियोजना समन्वयक श्री विनोद प्रधान को दी गयी थी | लेकिन मुन्ना भैया के कार्यालय छोड़े 2.5 माह होने के बाद भी प्रधान जी ने अपनी वफ़ादारी नहीं छोड़ी है एक महीना व्यतीत हो गया कोई पत्र नहीं दिया और न ही जानकारी ,यह समाचार निकलने के बाद संभव है मेरे नाम से जारी कोई पत्र बनाकर कलेक्टर को भी दिखा दे ,वफ़ादारी भी करनी है नौकरी भी बचानी है ??? ( पूर्व में ऐसा प्रतीत होता था कि शहडोल डीपीसी कार्यालय में भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार के कानून लागू ही नहीं होते थे,एक दम जम्मू कश्मीर कि धारा 370 लागू थी | लेकिन अब वह भी हट गयी है )
अब तो नए डीपीसी श्री अमरनाथ सिंह को भी कार्यभार सम्हाले 10 दिन हो गए ? इतना समय क्या काफी नहीं है कार्यालय के बारे में जानने के लिए ? शायद कम होता है ?? या कही मुन्ना भैया के वशीकरण के प्रभाव का इन पर भी असर हो गया है ???
डीपीसी महोदय जाग जाइये आपका कार्यालय में भी सूचना का अधिकार कानून लागू होता है | हम तो अपील में जायेंगे ?फिर नयी जानकारी सुचना के अधिकार में मांगेंगे आपको देनी पड़ेगी |लेकिन पुराने साहेब की पुरानी टीम आपके लिए रोज नए गड्ढे खोदेगी ??
माननीय कलेक्टर महोदय जी से भी विनती है कि शहडोल जिला शिक्षा केंद्र को भी भारत सरकार के संविधान में चलने कि प्रेरणा देने की कृपा करे ???