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शहडोल:-शिक्षा विभाग मे करोडो का घोटाला,प्रशासन कार्यवाही करने मे कर रहा गुरेज 

शिक्षा विभाग मे करोडो का घोटाला,प्रशासन कार्यवाही करने मे कर रहा गुरेज

यूँ तो शिक्षा विभाग मे आये दिन कोई ना कोई घोटाला खबरों मे बना ही रहता है फिर चाहे वो मध्यान भोजन हो या फिर नियम विरुद्ध नियुक्ति पर इन दिनों जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का कांड अपने चरम पर है |

शहडोल | जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय शहडोल में इन दिनों करोडो की खरीदी नियम विरुद्ध तरीके से की गई है परन्तु शाशन द्वारा लगातार खबरों के माध्यम से जानकारी प्राप्त होने के पश्चात् भी कार्यवाही ना करना कही ना कही लापरवाही को सिद्ध कर रहा है या फिर यूँ कहे की करोडो की नियम विरुद्ध खरीदी मे कही ना कही सरकारी बाबुओ का भी स्वार्थ सिद्ध हुआ है तभी तो इतने बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार पर शाशन की नज़र ना पड़ना या फिर किसी भी प्रकार की हरकत ना होना हजारों सवाल के साथ दोषियों को खुली छूट प्रदान करने के बराबर है |

बंद मॉडल की बड़े पैमाने पर खरीदी :-

इन दिनों प्रदेश सरकार द्वारा अपने प्रदेश मे चिन्हित स्कूलों को स्मार्ट क्लास के रूप मे सजोने के लिये और अपने भांजे भांजीयो को स्मार्ट बनाने के लिये बड़े पैमाने पर जेम पोर्टल से शाशकीय दर पर स्मार्ट क्लास की सामग्री खरीदी करवाई गई है जिसमे से शहडोल जिला भी चिंन्हित स्कूलों की श्रेणी मे आता है परन्तु यहाँ पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा अपने आधीन ऐसे ऐसे मॉडल की खरीदी करवाई गई है जो या तो बंद हो चुके है या फिर अपडेटेड वर्जन के रूप मे मार्केट मे है जिसके लिये हमारे द्वारा पूर्व मे एक खबर के माध्यम से आपको जानकारी दी गई थी आइये आज एक और मॉडल की जानकारी आप सभी के सामने प्रस्तुत करते है जो की मार्केट मे वर्षो पहले बंद हो चुका है |

आईये आप सभी के सामने एक और बंद सामग्री का खुलासा करते है जो इनके द्वारा एक बड़े पैमाने पर खरीदी की गई है |

(ऐसर ए एमड़ी राइसन 3 5300जी 8जीबी /1000जीबी विंडो 11प्रोफेशनल)

जिला शिक्षा अधिकारी के साथ वर्त्तमान सहायक परियोजना समन्वयक,अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक रमसा के साथ लेखापाल के पद पर पदस्थ अरविन्द पाण्डेय और अनाधिकृत रूप से कार्यालय मे आपरेटर के पद पर पदस्थ श्री मिश्रा द्वारा शाशन के जेम पोर्टल से 400 नग इस सामग्री की खरीदी की गई है साथ ही इसका मूल्य 41,290 रु दर्शाया गया है जबकि हमारे द्वारा जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला की इसका मॉडल ही बंद हो चुका है और कंपनी द्वारा इसका अपडेटेड वर्जन मार्केट मे लाया गया है जिसकी वास्तविक कीमत 34,500रु है तो अब आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते है की जिस सामग्री का कंपनी द्वारा ही प्रोडक्शन कुछ कारणों से बंद कर दिया गया है उसको इनके द्वारा इतने बड़े पैमाने पर खरीद गया है तो अन्य खरीदी मे ना जाने कितने का घोटाला सामने आ जायेगा |

जिला प्रशासन से अनुरोध है कि इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर जांच कराकर दोषियों को दंडित किया जाय।

कार्यवाही नही होने पर शपथ पत्र के साथ शिकायत केन्द्रीय सतर्कता आयोग, राज्य आर्थिक अपराध बयूरो,लोकायुक्त को शिकायत की जाएगी।

विश्वास आपका पत्रकारिता हमारी

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