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शहडोल -जिला प्रशासन ने मानी गलती,सुधारा आदेश, मामला मुन्ना भैया का

शहडोल |जिले में पूर्व डीपीसी के वशीकरण के प्रभाव से आज तक शहडोल जिला प्रशासन मुक्त नहीं हो सका इसका जीता जागता उदाहारण मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में दिए गए दायित्वों को देखकर लगा था |

वर्ष 2017 से मदन त्रिपाठी मुन्ना भैया विधानसभा कोतमा पूर्व जिला परियोजना समन्वयक एवं मालिक जिला शहडोल ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में इतनी पूड़ी बांटी  थी कि जनता ने  इनका नाम ही पूड़ी वाले भैया रख दिया था |

वैसे तो 7 मार्च 23 को यह कार्यमुक्त हो गए है लेकिन आज भी प्रशासन इनको मुक्त नहीं मानता है इसका उदाहारण  जनचर्चा अनुसार 4 दिन पहले शहडोल प्रशासन कि तरफ से लोकायुक्त में पैरवी करने जब इनको भेजा गया था तब देखने को मिला था |

लेकिन मुख्यमंत्री के ब्योहारी कार्यक्रम में महत्वपूर्ण कार्य एवं पूड़ी बाटने का दायित्व मिलने से यह पुनः चर्चा में आ गए थे | एक पूर्व अधिकारी जो पूड़ी बाटने के मामले में निलंबित होकर बहाल भी हो गए है,जब से खबर सुनी तब से नाराज थे कि हमसे अच्छी पूड़ी कोई बाँट भी नहीं सकता ,हमको क्यों दायित्व नहीं मिला सुबह से कोस रहे थे |

जिला प्रशासन शहडोल ने 29 मार्च को आदेश कर इनको महत्वपूर्ण दायित्व दिए थे, इसमे लिपिकीय त्रुटी बिलकुल भी नहीं थी , क्योकि अगर त्रुटी होती तो पदनाम डीपीसी भी होता | जानबूझ कर इनके भोपाल में पदस्थ होने के बावजूद यह आदेश निकाला गया था , एवं 29 मार्च से मदन त्रिपाठी शहडोल में रहकर सक्रिय  है |तरस आता है ऐसी बुद्धी पर कैसे ओग आर्डर बनाते और हस्ताक्षर करते है | भला हो हरिभूमि समाचार पत्र का जिसने यह मामला उजागर किया नहीं तो यह भी राज रह जाता |अंततः सुबह का भूला शाम को वापस आ जाये तो उसे भूला नहीं कहते |

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