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नगरपालिका मे चल रहा पार्षद पति का रावणराज

नगरपालिका मे चल रहा पार्षद पति का रावणराज

सिटी डेस्क

शहडोल | संभाग मे अरसो से कुख्यात हो चुकी नगर पालिका शहडोल इन दिनों भ्रस्टाचार की सीमा लांघ चुकी है आलम यह है की आपको अपना सत्य दस्तावेज को पूर्ण करवाने के लिये भी चढ़ोतरी चढ़ाना अत्यंत आवश्यक है यही नहीं आलम तो इस हद तक है की यदि आप द्वारा अपने कार्य के नाम पर चढ़ोतरी नहीं चढ़ाई जाती है तो फिर आपको महीनों महीनों तक इनके चक्कर लगाने पड़ सकते है | नगर पालिका शहडोल मे इन दिनों पार्षद पतियों की होड़ लगी है जिसके चलते एक सामान्य व्यक्ति अपने कार्य को पूर्ण करने के लिये आये दिन दर दर भटक रहा है फिर चाहे वो कार्य पी एम आवास का हो या फिर किसी भी कार्य की स्वीकृति दिलवाना सभी के लिये आपको सलामी देना आवश्यक है | विभागीय सूत्रों की माने तो जिले अंतर्गत वार्ड क्र 3/4 की पार्षद श्रीमती मधु गौतम के पति शरद गौतम नगर पालिका शहडोल से पदस्थ है जिसके चलते इनके द्वारा अपने वार्ड सहित अन्य सभी वार्डो मे भी पीएम आवास हो या फिर अन्य निर्माण कार्य सभी के नाम पर खुले आम पैसो की मांग की जाती है यही नहीं कई जगहों पर तो इनके द्वारा ऐसे ऐसे प्रकरणों मे भी स्वीकृति दिलवाई जाती रही है जिसके वास्तविकता से दूर दूर तक कोई ताल्लुकात नहीं है तो वही जानकारों की माने तो लगभग 6 महीने तक राजस्व निरीक्षक के पद पर पदस्थ रहने के दौरान इनके द्वारा ऐसे ऐसे आवास और अवैध निर्माण कार्यों पर स्वीकृति दी गई है जिसके यदि वरिष्ठ अधिकारियो द्वारा सूक्ष्मता से परिक्षण किया जाये तो ना जाने कितनो की हवेली के दर्शन हो जायेगे |

कैसे होती है डील :-

सूत्रों की माने तो शरद द्वारा निर्माण कार्य से लेकर सभी कार्यों के नाम पर इनके द्वारा कागजो की कमी बताकर कही जांच तो कही साहब की सेवादारी के नाम पर अवैध वसूली की जाती है और जिसके द्वारा इन सभी कार्यों के नाम पर अपने मेहनत की कमाई देने से मना कर दिया जाता है उसके लिये इनके द्वारा सारे कागजात सही होने के बावजूद उसके कागजो मे कमी बताई जाती है और किसी न किसी प्रकार के दबाव बनाकर अपनी बात को मनवाने का अथक प्रयास किया जाता है |

जिम्मेदार बने अनजान :-

ज्ञात हो की नगर पालिका के सीएमओ द्वारा लगातार क्षेत्र का भ्रमण किया जाता है पर आश्चर्य है की उन्ही के नाक के नीचे उन्ही के आधीन कर्मचारी द्वारा नपा के नाम पर वसूली का खेल जारी किया गया है और उनको भनक तक नहीं है वही जब खबरों के सम्बन्ध मे जानकारी लेना कहो तो सीएमओ अमित तिवारी द्वारा फ़ोन उठाना भी उचित नहीं समझा जाता अब ऐसे मे परेशानी का शिकार हो रहे जनमानस किससे उम्मीद रखे यह एक सोचनीय पहलू है |

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