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मुन्ना भैया और उनके गोलमाल वाले वसूली भाई

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मुन्ना भैया के ब्योहारी वाले वसूली भाई
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दोस्तो आपमे से हर आदमी ने मुन्नाभाई एमबीबीएस एवं गोलमाल फ़िल्म तो देखी ही होगी। कुछ ऐसी ही फिल्में चल रही थी शहडोल जिले के सर्व शिक्षा अभियान में, मुन्ना भाई एमएलए किसी परिचय के मोहताज नही है। आप लोगो में से कुछ लोग उनके ब्योहारी वाले श्रीवास्तव जी उर्फ वसूली भाई को भी जानते है। जनचर्चा के अनुसार जो कथा मैने सुना है, उनका अपनी तुच्छ सी वाणी से ही छोटा सा वर्णन कर रहा हूँ,

मुन्ना भाई अनंत उनकी कथा अनंता

बहुचर्चित व्यक्तित्व का वर्णन —————– जो व्योहारी वाले श्रीवास्तव जी उर्फ वसूली भाई के नाम से फेमस है । इनकी और इनके क्रिया कलापों की जितनी भी प्रशंसा की जाय वह इनके जानने वालों को कम ही लगेगी ।
व्योहारी वाले वसूली भाई की मिशन में शुरुआत, ब्योहारी विकास खण्ड के एक संकुल में जन शिक्षक के पद पर होती है,और गुणा गणित में दक्ष, वसूली भाई अपने सहज वाले व्यक्तित्व से मुन्ना भाई एवं मुन्ना भाई के कहने पर अन्य लोगो की सेवा करते हुए बीएसी बन जाते है। मुन्ना भाई की घोर तपस्या वसूली का प्रतिशत बढ़ाकर करते है तो आगे प्रभारी बीआरसीसी बन जाते है। और घनघोर तपस्या करते है वसूली पर बसूली करते जाते है तो सभी को रौंदते हुए बिना किसी योग्यता के महिला वाले पद एपीसी जेंडर के प्रभारी जिला शिक्षा केन्द्र बन जाते है। वह भी वर्तमान जिला प्रशासन के समय मे ही। जबकि इस पद पर महिला ही होनी चाहिए, लेकिन मुन्ना भाई शुरू से प्रजापति को प्रभार देकर रखे थे पूरे कार्यकाल के दौरान कोई योग्य महिला प्रतिनियुक्ति में नही मिल पाई ?
ऐसा कुछ भी नही है ? कस्तूरबा विद्यालय एवं बालिका विद्यालय के कुल बजट का 50% बसूली करने में कोई सक्षम नही मिला, शायद इसीलिए वसूली भाई को ही 10 साल से जिममेदारी निभानी पड़ रही है। जैसे ही हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी कार्य मुक्ति में जुगाड़ लगा पाने में असफल मुन्ना भईया डीपीसी पद से मुक्त कर दिए जाते है।वैसे ही मुन्ना भैया वसूली भाई को भी कार्य मुक्त कर देता है। कही यह नगीना किसी और के हाँथ में न चला जाय
वसूली भाई पुनः अपने गृह विकास खण्ड की ओर लौट गए है।जिसे मिशन के लोगो के द्वारा ग्रहण के उतरने के रूप में माना गया है।
व्योहरी वाले वसूली भाई का विभाग में पद जो भी हो लेकिन यह वसूली अधिकारी के रूप में बहुत सफल रहे है,शहडोल के पूर्व एवं वर्तमान में भी अघोषित डीपीसी मुन्ना भईया के लिए यह पूरे जिले में वसूली करने के लिए यह काफी कुख्यात थे, जिले बीआरसीसी और छात्रावास अधीक्षक तो इनको देखते ही डर जाते थे,की न जाने, वसूली भाई कितने की डिमांड लेकर आए हो। हाल ही में चयनित बीआरसीसी के विवादित पदस्थापनाओ में इनका रोल अहम रहा है।
विभाग की मुख्य योजनाओं, छात्रावास, आरबीसी, एनआरबीसी, संचालन तो यह बिना छात्र छात्राओं के ही कर देने में माहिर है,प्रशासन कभी भी जांच कर सकता है। इन्होंने आर एस टी के माध्यम से फर्जी बच्चों का नाम लिखकर करोड़ो वसूले है। जिसकी शिकायते 2018 से होती रही है।
कुछ इनसे जलने वाले लोग तो यह भी कहते है कि इनकी उच्च श्रेणी शिक्षक की पदोन्नति भी नियम विरुद्ध हुई है?
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अपने को क्या करना, जब प्रशासन को कुछ करना ही नही है?
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हम तो जब भी बोलेंगे इनकी पोल खोलेंगे, फैसला आपका विश्वास आपका मेहनत हमारी
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पड़ताल रहेगी जारी
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कृपया जुड़े रहे कुछ ऐसे ही रोचक खबरों के लिए
श्रीजी न्यूज़ से..……
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डिस्क्लेमर- श्रीजी न्यूज़ उपरोक्त बातो की पुष्टि नही करता है।

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