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कमिश्नर साहब सुनिये:-आखिर कब होंगी डीपीसी पर कार्यवाही

मुन्ना भैया एम एल ए की कहानी हमारी जुबानी 

शहडोल | जिले मे नियम विरुद्ध तरीके से कार्य करने के लिये कुख्यात हो चुके जिला शिक्षा केंद्र शहडोल मे पदस्थ तत्कालीन डीपीसी मुन्ना भैया एम एल ए द्वारा माननीय कलेक्टर महोदय को विश्वास मे लेकर एवं अंधकार मे रखकर आज तक सैकड़ो कारनामें किये गये इनके द्वारा नियम विरुद्ध कार्य करवाते समय झूठ भी इतनी शालीनता से बोला जाता रहा है की सच स्वयं भाग जाता है इनकी ईमानदारी के किस्से जनमानस मे बहुचर्चित रहे है जिसके सबसे बड़ा प्रमाण है इनकी ईमानदारी का प्रमाण पत्र तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने 80 पेज की रिपोर्ट बनाकर तत्कालीन कमिश्नर को कार्यवाही हेतु भेजा था लेकिन मुन्ना भैया एम एल ए की जादूगारी से उस पर कार्यवाही तो हुई नहीं बल्कि तत्कालीन कमिश्नर को प्रसन्न कर 5 सदस्यो की टीम द्वारा की गई जांच को जिसमे आई ए एस,डिप्टी कलेक्टर, ट्रेजरी अधिकारी एवं अन्य जिम्मेदार लोगो द्वारा की गई जांच मय लिखित अभिलेख मे तत्कालीन कलेक्टर ने इनको निलंबित करने व पुलिस कार्यवाई करने तक के लिये लिखा था l परन्तु इनसे प्रसन्न होकर तत्कालीन कमिश्नर ने उसे लघु शास्ति आरोपित करने का प्रकरण बनाकर इनके चहेते संयुक्त संचालक सहदेव सिंह मरावी को दुबारा जांच हेतु प्रस्तुत करा दिया था | मुन्ना भैया एम एल ए को मालूम था की मरावी जी को प्रभावित कर स्वयं जांच रिपोर्ट बनाकर मै हस्ताक्षर करा लूंगा और ऐसा हुआ भी |

विचारणीय तथ्य यह है की 5 लोगो की समिति द्वारा की गई जांच प्रतिपरिक्षण एक व्यक्ति कैसे कर सकता है?? लेकिन मुन्ना भैया एम एल ए के लिये सब कुछ संभव है | प्राप्त जानकारी अनुसार मुन्ना भैया एम एल ए ने अपनी जांच स्वयं कर खुद को क्लीन चिट देकर अपने आपको निर्दोष साबित करने का पूरा प्रयास किया है लेकिन ख़ुशी की बात यह है की अभी तक वर्त्तमान कमिश्नर ने उन्हें दूध से धुले होने का प्रमाण पत्र (क्लीन चिट ) नहीं प्रदान किया है |

इस समाचार के माध्यम से मै माननीय ईमानदार एवं योग्य कमिश्नर श्री राजीव शर्मा जी से अनुरोध कर्ता हूँ की वस्तु स्थिति की जांच कर तत्कालीन डीपीसी को दण्डित किये जाने हेतु आदेश प्रसारित करने की कृपा करेंगे? वैसे भी जनमानस यह मानता है की मुन्ना भैया पर कार्यवाही नहीं हो सकती है लेकिन कमिश्नर महोदय की और निगाहेँ तब भी लगी हुई है? यहाँ ने निराशा मिलने पर जनमानस द्वारा जनहित याचिका माननीय उच्च न्यायलय मे लगाई जा सकती है |

लेकिन तब तक इंतज़ार रहेगा……….

सरकारी कागज हमेशा जिन्दा रहता है, उसका गला नहीं दबाया जा सकता

शेष अगले अंक मे……………….

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