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डीपीसी मायाजाल:- गाड़ी का भाड़ा खुद रख रहे, ड्राइवर जिला शिक्षा केन्द्र का कर्मचारी

डीपीसी मायाजाल:-

गाड़ी का भाड़ा खुद रख रहे, ड्राइवर जिला शिक्षा केन्द्र का कर्मचारी

यूँ तो आये दिन किसी ना किसी प्रकरण को लेकर हमारे मुन्ना भैया सुर्खिया बटोरते ही रहते है पर इन दिनों भैया ने ट्रेवल्स का भी काम शुरू कर दिया है |

शहडोल |शिक्षा विभाग के कोसा नोस्त्रा के रूप मे सुप्रसिद्ध प्रदेश भर मे डीपीसी पद को लेकर अलग ही ख्याति प्रदान करने वाले हम सब के आँखो के तारे मुन्ना भैया इन दिनों जहाँ अपने आपको आगामी विधायक का दावेदार देख रहे है और शायद उसी तर्ज पर पूड़ी सब्जी भंडारा और हां सेमरा वाले मुन्ना भैया का नारा तो कही जा ही नहीं सकता है इन दिनों ट्रेवल्स का काम भी शुरू कर दिए है जानकारों की माने तो इन दिनों अपने कार्यालय मे ही अपने रिश्तेदार ओम प्रकाश द्विवेदी के नाम से गाड़ी लगाकर खुद तो शाशन किये ही वर्त्तमान मे वह नये डीपीसी महोदय के शान मे चार चाँद लगा रही है जानकारों की माने तो नियमानुसार कोई भी अधिकारी अपने आधीन अपने परिवार या रिश्तेदार को लाभ नहीं दिलवा सकता है पर ये सब नियम तो हमारे मुन्ना भैया के आगे नतमस्तक है भला उनकी ये हिम्मत की भैया के आगे लागू हो सके |आपको बता दे ओम प्रकाश द्विवेदी इन्ही के आधीन आज वर्षो से बालिका छात्रावास मे बतौर चौकीदार के रूप मे कार्यरत है जनचर्चा अनुसार नए डीपीसी भी उनकी दिखाई डगर पर चल निकले है। लोग तो कहने लगें है कि कुछ नही बदलने वाला, सब मुन्ना भैया की मर्जी चलेगी। सूत्रों की जानकारी अनुसार जिले मे पीठशीन वरिष्ठ अधिकारी जैसे कमिश्नर कलेक्टर सीईओ जिला पंचायत तक के यहाँ भी जो गाड़िया लगी है वो सब भी इन्ही के ट्रेवल्स का हिस्सा है जिनमे सरकारी ड्राइवर होता है लेकिन ड्राइवर का वेतन नही काटा जाता उसका एकमुश्त भुगतान ट्रेवल्स वाला(मुन्ना भैया) पाते है।ऐसे ही शहडोल डीपीसी कार्यालय का वाहन कार्यालय मे पदस्थ भृत्य नजीरुल हक़ चलाता है जो मुन्ना भैया के CC T V कैमरे के रूप में भी जाना जाता हैं। और ड्राइवर का भुगतान ट्रैवेल वाला पाता है।हालांकि चर्चाओ के इस गरम बाजार मे कई सवाल सामने आये है :-

जब आप वाहन किराये से लगाये है किराया भी दे रहे है तो आप को ड्राइवर मांगने में शर्म कैसी?

क्या वास्तविक मे इतना डरते है आप?

क्या कार्यालय के कर्मचारी से वाहन चलवा रहे है इसकी सूचना वरिष्ठ कार्यालयों को दी है?

क्या शासकीय वेतन आप नजीरुल हक़ को वाहन चलाने का देते है?

क्या ड्राइवर की तनख्वाह का 50-50 मैच तो फ़िक्स नही हो गया है?

क्या मुन्ना भैया के पद से हटने के पश्चात् जनता मे नये डीपीसी के कार्य के प्रति विश्वास और ख़ुशी थी वो सिर्फ दिखावा बन कर रह जायेगा ?

बहरहाल देखना यह होगा की इस तरह से चल रही नियमविरुद्ध कार्यवाही पर नये डीपीसी अंकुश लगा पाने मे सक्षम होंगे या फिर जनचर्चाओ मे आ रही बाते सही साबित होंगी |

इनका कहना है:-

जरुरत पड़ने पर कभी कभार भेज देते है बाकी ऐसा नहीं है |

श्री सिंह

डीपीसी

जिला शिक्षा केंद्र शहडोल

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