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डॉक्टर मदन त्रिपाठी के मुन्ना भैया बनने की कथा

एक थे मदन त्रिपाठी उर्फ मुन्ना भैया

चुनाव प्रचार,भंडारा,पूडी सब्जी सब ठप्प, मुन्ना भैया चित्त,समर्थको में मायूसी

शहडोल | शहडोल में एक डीपीसी हुआ करते थे डॉक्टर मदन त्रिपाठी उर्फ मुन्ना भैया | अधिकारियों ने जब इन्हें पद से हटाया तो यह कोर्ट कोर्ट चिल्लाते डीपीसी की कुर्सी से लिपट गए | अधिकारियों ने इन से कुर्सी छुड़ाने की बहुत कोशिश की पर छोड़ा नहीं पाए | थक हार कर पीछे हट गए | भैया से डीपीसी की कुर्सी छुड़ाने ने हाईकोर्ट को भी 4 साल 4 महीने लगे | 1527 दिन केस चला 134 पेशी लगी तब जाकर भैया का मकड़ा जाल, कोर्ट के समझ में आया | कोर्ट ने 24 फरवरी 2023 को भैया का डीपीसी कार्यालय डीपीसी की प्यारी कुर्सी डीपीसी की नेम प्लेट लगी क्रेटा गाड़ी छीन ली | भैया को पद से ज्यादा नेम प्लेट लगी गाड़ी छिन जाने का दुख है ऐसा स्वयं भैया को कहते सुना गया | जिले में गाड़ी छीन जाने की चर्चा इन दिनों चरम पर है | इसके दो प्रमुख कारण है |

 पहला भैया 20 साल जमकर खेले, यह बात अलग है कि एक बार बुरहानपुर में अंपायर की गलती से आउट (निलंबित) हो गए थे | अंपायर की गलती पर भैया ने बवाल मचा दिया, अंपायरों को छठी का दूध याद दिला दिया | बड़े-बड़े अंपायरों की पेंट गीली-पीली हो गई थी | इससे भैया की ऐसी दहशत बनी कि अंपायर भैया से नजर मिलाने में भी डरने लगे | कुछ अंपायरों का कहना है कि भैया को नजर भर कर देखने का कलेजा किसी अंपायर के पास नहीं है | भैया भी ऐसे कि 2018 में सीएम से भीड़ गए | सीएम ने इन्हे हटवाया है यह जानने के बाद भी कोर्ट चले गए स्टे आर्डर ले आए |

 दूसरा भैया अधिकारियों को तोहफा देने में प्रदेश में सबसे अव्वल थे, हीरे की अंगूठी हो या चांदी का विराट मंदिर सभी तोहफा इनकी सूची में शुमार थे | कई बार तो यह नियम विरुद्ध नियुक्तियां भी तोहफो के दम पर करा लेते थे| एक बार भैया ने गलत नियुक्ति के एक मामले में मोबाइल गिफ्ट करने की सोची | एक नहीं पांच 5-5 महगे मोबाइल लेकर चिड़िया बैठाने पहुंचे | सोचा था एक देकर चार वापस ले लेंगे, लेकिन महोदय भैया के बाप निकले पांचों मोबाइल हजम कर गये | भैया अपना सा मुंह लेकर लौटे, और डीपीसी की कुर्सी पर धन में से निढाल होकर गिर पड़े | सूत्रों का कहना है कि भैया को इतना निराश पहली बार देखा गया था |

 खैर भैया को जरा देर से समझ आया कि स्वर्ग-नर्क अगले पिछले जन्मों का कर्मफल सब बकवास है, मिथ्या है | आदमी को अपने कर्मों का फल इसी जन्म में भुगतना पड़ता है| समस्त ही भैया गमगीन हो गए | किसी ने कहा बाबा से पूछो, बस फिर क्या था भैया पहुंचे शिव धाम, जोगी टोला,कोतमा, सन्यासी बाबा के किए दर्शन और अपनी चिंता बताई | बाबा बोले बच्चा कुछ दान पुण्य करो, गरीबों को भंडारा खिलाओ, कपड़ा -लत्ता बांटो, सब कष्ट दूर होंगे| भैया ने कहा एवमस्तु और चल पड़े भाइयों को भी चिंता हुई तो वह भी साथ हो लिये | भैया ने शहडोल में खेल सामग्री बांटने शुरू की तो शिकायत हो गई, आयुक्त ने जांच खड़ी कर दी | भैया फिर से सन्यासी बाबा की शरण में पहुंचे | बाबा भोले बच्चा पहले अपने ग्रह ग्राम से शुरू करो |

 भैया ने अपने गृह ग्राम सेमरा में पहला विशाल भंडारा किया | एक अंधभक्त बेकाबू हो गया | उसने मदन त्रिपाठी जिंदाबाद के नारे लगा दिए | दूसरे भक्तों ने नारे का अर्थ भैया के कान में फुस-फुसाया | समझते ही भैया की गोल-मटोल आंखों में चमक आ गई | चेहरा खिल उठा | फूल कर कुप्पा हो गए | झटपट बाजार भागे | दर्जनों रंग-बिरंगे कुर्ता -पजामा उठा ले आए | अब भैया को एक नई दिशा मिली | लेकिन इसमें भी एक समस्या आ गई मदन त्रिपाठी नाम कुछ जमा नहीं, इसलिए भक्तों से विचार-विमर्श किया | एक नया नाम रखना तय हुआ |कई प्रस्ताव आए, एक प्रस्ताव भैया को जमा, बचपन में भैया को घर पर मुन्ना भैया भी कहा जाता था, और शहडोल में एक बड़े नेता भी हुआ करते थे आदरणीय चुन्ना भैया | बस फिर क्या था चुन्ना के (च) हटाकर मदन के (म) के साथ मिलाकर बनाया गया मुन्ना और अब इनका नया नाम बना मुन्ना भैया मुन्ना भैया | सन्यासी बाबा की सलाह पर इसमें सेमरा जोड़ दिया गया| अब इन्हें सेमरा वाले मुन्ना भैया के नाम से पुकारा जाने लगा | भैया ने कई सेट कुर्ता -पजामा डीपीसी वाली गाड़ी में लाद दिए | अब भैया शहडोल से सीधे कोतमा जाते हैं| गाड़ी में शर्ट की जगह कुर्ता जींस वाली पुरानी वाली तेल फलल कंघी -वंघी करके डबल रोल के लिए तैयार हो जाते हैं | सूत्रों का कहना है भैया के पास टाइम कम है | न जाने कब नरेंद्र मरावी फिर हमला कर दे, ससुरा पीछा ही नहीं छोड़ रहा है | डीपीसी रहते जितना दौड़ लेंगे उतना प्लस में रहेंगे | प्लस है की माइनस यह तो करंट छूने के बाद पता चलेगा | अब पार्टी भैया में करंट छोड़ती है या किसी अन्य नेता पर,इसमें भैया को अभी संदेह है | सूत्रों का कहना है भैया संदेह मिटाने के लिए भैया बाबा बागेश्वर धाम चले गए | बागेश्वर बाबा ने भैया का भविष्य देखा और बोले, बच्चा गीता में लिखा है, कर्म करो फल की इच्छा मत करो | भैया कुछ समझे नहीं, डर के मारे, समझ गए की, इशारे वाला सिर हिला दिया| इस समय भैया कोतमा में गीता को ढूंढने में व्यस्त हैं | मैंने पूछा गीता मिली तो क्या करोगे | भक्त बोला यह तो भैया से पूछना पड़ेगा | इस लगातार अगले अंक में, फर्जी छात्रावास अधीक्षका भर्ती कारण 2022 |

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