ऐसा क्या हुआ की बकहो की जनता ने ही लगाये गंभीर आरोप
विकास के नाम पर शून्य साबित होता नपा बकहो
जो नेता विकास करेंगे की चुनावी घोषणा लेकर आपके सामने खड़े होते है असलियत उनके पीठाशीन होने के बाद सामने आती है |
शहडोल| चुनावी सत्र मे जो नेता विकास करेंगे की गाथा को लेकर आपके सामने हाथ जोड़े वोट मांगने खड़े होते है उन्ही कर्मठ जुझारू ईमानदार नेता के पद पे आने के बाद का नज़रिया आप जरा देखिये सारे के सारे वादे धरे के धरे रह जाते है ऐसा हम नहीं बल्कि उक्त क्षेत्र की जनता का कहना है लगातार हमारे द्वारा जब क्षेत्र की जनता से रूबरू होकर अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित नपा मे बैठे जिम्मेदारो की जवाबदेही पर जानकारी चाही गई तो पता लगा की लगभग 9 महीने नये अध्यक्ष उपाध्यक्ष के कार्यकाल को बीत चुका है परन्तु आज तक पानी की किल्लत से आम जनता जूझ रही है वही यह भी बात आई की करोडो रुपये के विकास कार्य सिर्फ दिखावा बन कर रह गये है बीते दो वर्षो मे लगातार राजस्व सहित पानी मकान आदि सभी प्रकार के टैक्स की वसूली जोरो पर है यही तक की लगभग 10 लाख रूपये की वसूली हुई है परन्तु उसी जनता के लिये उसी का पैसा खर्चा करना इनके लिये पहाड़ चढने वाली कहावत के बराबर है यही नहीं कहने को तो नल का कनेक्शन लगभग सभी के यहाँ है परन्तु 50% से अधिक कनेक्शनों मे पानी ना आना सबसे बड़ी समस्या है पर वाह रे जिम्मेदार जिनको सिर्फ अपनी रोटी सेकने से मतलब है |
क्या है 21करोड़ की कहानी :-
जानकारों की माने तो अधिकारियो द्वारा किसी भी सवाल पर 21 करोड़ की गाथा गाई जाती है जानकारी अनुसार ये 21 करोड़ रुपये से पानी के लिये दो अमृत जल योजना स्वीकृति है परन्तु उसका कितना उपयोग है यह देखने योग्य है तो वही मुख्यमंत्री जी द्वारा 1 करोड़ रुपये कायाकल्प योजना के तहत विकास के लिये दिए गये है जिसमे नियमो की माने तो जो रोड 15 साल या उससे अधिक पुरानी हो उसका जीर्णोद्धार करना है परन्तु जिम्मेदारो द्वारा बीते 5-6 वर्ष पुरानी रोड का ही डामल लेपन कर तैयार कराया जा रहा है वही नल खनन का टेंडर लगा है परन्तु जिम्मेदारो द्वारा शायद गर्मी बीतने का इंतजार किया जा रहा है बताया गया की वार्ड क्र 4 मे कलरी द्वारा एक पानी की टंकी बनवाई गई थी परन्तु उसमे आज 5-7 साल बाद जाकर पानी की व्यवस्था चालू कराई गई है |
पहले मैसेज करो तब होगा काम:-
जनचर्चा अनुसार नपा के अध्यक्ष उपाध्यक्ष द्वारा जनता के किसी भी कार्य को कराने के लिये पहले बोला जाता है की पहले हमको फ़ोन और मैसेज करो तब कही तुम्हारा काम होगा अब आश्चर्य है की जिस जनता द्वारा पहले तुम्हे पार्षद फिर अध्यक्ष के पद पर बैठाया गया आज उसी जनता को अपने ही काम के लिये ऐसे ऐसे कठिनाइयों का सामना करना पद रहा है यही नहीं ये भी बताया गया की पिआईसी का गठन तो हुआ है परन्तु विभाग के किसी भी आदमी को उसका कार्य नहीं मालूम जैसे हाटबाजार वाले को उसका काम नलजल वाले को उसका जिसके चलते क्षेत्र की जनता अपने कार्य के लिये दर दर भटकने को मजबूर हो चुकी है |