शहडोल:-तो क्या शिक्षा विभाग मे अरविन्द बने बिगबुल ?
शहडोल:-शिक्षा विभाग में अंधेर गर्दी,एक कर्मी और तीन पद ?
शहडोल जिले के बहुचर्चित, शिक्षा विभाग के भ्रस्टाचार रूपी समुद्र में कितने तरह के भ्रष्टाचार एवं भ्रष्टाचारी है, इनको ठीक – ठीक गिन पाना, उसी प्रकार कठिन है, जैसे आसमान में तारो को।
शहडोल |आज हम प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी महोदय के द्वारा धारित तीन पदो की बात नही कर रहे।आज हम बात कर रहे है एक दूसरे तीन पद धारी कर्मी की,जिन्हे जनचर्चा में रमसा वाले पांडे जी कहा जाता है,जो है तो एक, लेकिन रमसा के तीन घोषित पदो मे अकेले ही शोभायमान है,वो तीन पद है- लेखापाल, एपीसी और एडीपीसी।इन तीन पदो के के अतिरिक्त एक चौथा दायित्व भी वह निभा रहे वो है,प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के पथ प्रदर्शक का। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय शहडोल के सूत्रों की माने तो प्रभारी डीईओ इन दिनों जितने भी नियम विरुद्ध और गैरकानूनी कार्य को अंजाम देते आ रहे है, उन सभी के सूत्रधार और क्रियान्वयन कर्ता यही रमसा वाले पांडे जी होते है ।
आइये आज बात करते राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन(रमसा) शहडोल की, इसको डीईओ आफिस से चलाया जाता है। जिसके घोषित मुखिया डीईओ होते है ।लेकिन पूरा रमसा एवम डीईओ आफिस श्री अरविंद पांडेय वरिष्ठ अध्यापक चला रहे है।शासन प्रशासन ने भी कभी सुध नही ली,डीपीसी कार्यालय के अधीन बीएसी रहते हुए एकलब्य की तरह अपने गुरु द्रोणाचार्य(मुन्ना भैया) से जो ट्रेनिंग प्राप्त की ,उसमे इतने परफेक्ट हो गए कि गुरु से भी आगे निकल गए,कलेक्ट्रेट परिक्रमा करने में भी उनसे कम नही है। करोड़ो के घोटाले कर बाहर हवा भी न जाये इसके पुख्ता इंतेज़ाम किये गए है? आइये बताते है कि अरविंद पांडेय के पास क्या क्या प्रभार है?
1.अरविंद पांडेय रमसा के एकाउंटेंट है, सभी नस्ती स्वयं लिखते है। रमसा में प्रतिनियुक्ति पर लेखा पाल का पद स्वीकृत है,लेकिन किसी को नही लिया और न ही डीईओ ने आज तक किसी अपने लेखापाल को प्रभार दिया, ताकि भ्रष्टाचार की बात बाहर न जाये। डीईओ से अपेक्षा की जाती है,की शीघ्र किसी को प्रभार दिलाया जाय।
2. रमसा वाले पांडेय जी, रमसा के एपीसी है। इनकी नियुक्तिमात्र 2 साल के लिए हुई थी।जिसे अधिकतम 2 साल और बढ़ाया जा सकता था। इनकी नियुक्ति आदेश क्र 1793 दिनांक 05.10.16 से मात्र 2 साल की हुई थी। नियुक्त हुए 6.5साल से ज्यादा का समय हो गया है परंतु आज दिनांक तक यह पद पर बने हुए हैं एवं स्वयं लेखापाल बन कर एपीसी के रूप में अपनी ही फाइल को स्वयं ही आगे बढ़ाते हैं।
3- रमसा वाले पांडे जी रमसा के एडीपीसी भी हैं यह पद प्राचार्य स्तर का है परंतु पद रिक्त है। आज तक किसी की प्रतिनियुक्ति नहीं हुई। ऐसी स्थिति में अन्य जिलों में जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में पदस्थ उपसंचालक, या प्राचार्य जो पदस्थ रहते है वे यह कार्य करते हैं| जिला शिक्षा अधिकारी भिंड को आयुक्त लोक शिक्षण ने उच्च श्रेणी शिक्षक को एडीपीसी का प्रभार देने पर कारण बताओ सूचना जारी की थी। जिसे तत्काल हटा दिया गया था।आदेश क्र 2171 दिनांक 05.08.20 आप सब के लिए संलग्न है।लेकिन शहडोल जिले में एडीपीसी के पद का आदेश अरविंद पांडे द्वारा अपात्र होते हुए भी तत्कालीन डीईओ शहडोल के आदेश क्र 3707 दिनांकब 18.10.19 से स्वतं को ही करा लिया है।जिला शिक्षा अधिकारी भिंड को आयुक्त लोक शिक्षण ने उच्च श्रेणी शिक्षक को एडीपीसी का प्रभार देने पर कारण बताओ सूचना जारी की थी। जिसे तत्काल हटा दिया गया था।आदेश क्र 2171 दिनांक 05.08.20 आप सब के लिए संलग्न है।
अब बाबू बनकर स्वयं नोटशीट लिखी उसे एपीसी बनकर बढ़ाया स्वयं एडीपीसी को प्रस्तुत कर दिया लिखने वाला भी एक आदमी वही आगे बढ़ाने वाला वही उससे बड़ा अधिकारी अब बती है अंतिम मुहर लगना जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर करा लिए और स्वय के हस्ताक्षर से भुगतान कर दिया एवं संपूर्ण भ्रष्टाचार कर करोड़ों रुपए शासन के फर्जी भुगतान एवं फर्जी कामों में दर्शा दिए जाते है।
आयुक्त शहडोल संभाग एवं कलेक्टर शहडोल को इस समाचार के माध्यम से कहना चाहेंगे कि तीनों पद पर प्रथक प्रथक व्यक्तियों को प्रभार दिया जाय।
अब आप लोग स्वयं बताएं कि क्या जिले में इस तरह के किसी अधिकारी को आप जानते हैं जो लेखापाल,उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं प्राचार्य का पद तीनों पर बराबर काम कर रहा हो एवं उसके कक्ष में जाने की किसी को अनुमति ना हो, अगर संपूर्ण जांच की जाए तो इनके कार्यकाल में इतनी अधिक अनियमितताएं और आर्थिक भ्रष्टाचार पाया जायेगा जिसकी कोई सीमा नहीं,इनके द्वारा विगत वित्तीय वर्षो में की गई कथित करोड़ रुपयों के फर्जी सरकारी खरीदी की बात हम अगले अंक में करेंगे,तब तक आप सभी पाठक भी गुणा गणित लगाए तथा,यदि इनके भ्रष्टाचार की कुछ जानकारी आपको भी है,हमारे चैनल को भी भेजे , आप नाम गुप्त रखते हुए हम उन्हे भी चलायेगे ।