शहडोल : मेडिकल कॉलेज में लापरवाही चरम पर
शहडोल। बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज शहडोल में पदस्थ डॉक्टरों का समय समय से स्वयं परीक्षण भी किया जाना जरूरी होता जा रहा है। ताजा मामला सामने आया है मेडिकल कालेज में पदस्थ डॉक्टर मधु सौरभ का है जो की सहायक प्राध्यापक मेडिसिन के पद पर मेडिकल कॉलेज में पदस्थ है। लेकिन प्राइवेट प्रैक्टिस में मगन डॉक्टर मधु सौरभ अपने मूल कार्य को ही भूल गए है, दिनांक 22 मार्च 24 को डॉक्टर मधु सौरभ ने लालचवश और दबाव वश बाहर से रेफेर होकर आये एक मरीज के साथ जो अमानवीय व्यव्हार किया उसकी जितनी निंदा की जाय उतनी कम है। हद तो तब हो गयी जब जल्दबाजी में मरीज की शुगर 400 होने एवं ब्लड प्रेशर 180 के बाद भी डिस्चार्ज कर दिया। घर पहुँच गए मरीज ने देखा तो उसके हाँथ से कैनुला जिससे इंजेक्शन दिया जाता है उसे भी नहीं निकाला गया था , उसके परिजनों ने चिकित्सा अधीक्षक को डॉक्टर मधु सौरभ की लिखित शिकायत की है , लेकिन पूर्ण विश्वाश है कि एक साथ आयुष्मान हॉस्पिटल में बैठकर धंधा करने वाले डॉक्टर एक दूसरे पर कोई कार्यवाही नहीं करेंगे। जनता नव नियुक्त डीन की तरफ देख रही है की शायद इनके द्वारा कुछ अंकुश लगाया जा सके।